इस सवाल के जवाब में पीसी झा कहते हैं, "बेशक चंपई सोरेन अपनी दावेदारी पेश कर सकते थे. यूएन उपप्रमुख आमिना जे मोहम्मद ने अन्तरराष्ट्रीय वर्ष को एक ऐसा अवसर बताया है, जिससे यह रेखांकित करना सम्भव होगा कि बाजरे के सतत उत्पादन, प्रसंस्करण, विपणन और खपत से, खाद्य अभाव https://www.samridhbharat.in/